कमी खर्चात जास्त फायदा..तत्काळ परिणामकारक
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पिछले 3-4 सालों से गुलाबी सुंडी या इल्ली का हर साल फसल पर हमला देखने को मिल रहा है. इसके शुरू में ही कंट्रोल करना पड़ता है. अगर इस कीट को लेकर किसान जरा सी भी लापरवाही करते हैं तो पूरी फसल चौपट हो सकती है. महाराष्ट्र में इसका ज्यादा असर देखने को मिलता है। कपास की फसल पर पिछले साल गुलाबी इल्ली (पिंक बालवर्म) का ऐसा कहर बरपा कि किसानों की उम्मीद तार-तार हो गई। gulabi illi ( pink bollworm) ki Dawai
कपास की खेती नगदी फसल के रूप में होती है. इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है. इसकी खेती भारत के कई राज्यों में की जाती है. बाजार में कपास की कई प्रजातियाँ आती हैं, जिनसे ज्यादा पैदावार मिलती है. सबसे ज्यादा लम्बे रेशों वाली कपास को अच्छा माना जाता है.